राज्यपाल योग्यता,नियुक्ति,अधिकार, वेतन :- भारत एक संविधानिक राष्ट्र है, जहां पर देश के हर नागरिक को अपना अपना मूल अधिकार मिलता है। भारत राज्यों का समूह है भारत में कुल 28 राज्य और 8 केंद्रशासित प्रदेश हैं। भारत के संविधान के अनुच्छेद 153 के अनुसार प्रत्येक राज्य के एक राज्यपाल होना ज़रूरी है। राज्यपाल राज्य का देखरेख करते हैं राष्ट्रपति के प्रतिनिधि के रूप में और राज्य के लिए प्रस्तावित नियमों का अनुमोदन करते हैं।
राज्यपाल एक बहुत ही महत्वपूर्ण संवैधानिक पद है। राज्यपाल देश के नागरिक ही बन सकते हैं। परन्तु अपने ही राज्य में राज्यपाल नहीं बन सकते हैं। राजयपाल हमेशा अपने राज्य से बाहर के नियुक्त होते हैं।
आज के इस Article में हम जानेंगे :-
- राज्यपाल क्या होता है ?
- राज्यपाल की नियुक्ति कैसे होती है ?
- राज्यपाल की क्या योग्यता होनी चाहिए ?
- राज्यपाल के प्रमुख अधिकार क्या है ?
- राज्यपाल का वेतन क्या होता है ?
- झारखंड राज्य के अभी तक के राज्यपालों के नाम
राज्यपाल क्या होता है ? ( What is Governor ? )
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 153 (Article 153) के अनुसार प्रत्येक राज्य के लिए एक राज्यपाल (Governor) होना आवश्यक है। एक राज्य के लिए एक राज्यपाल की नियुक्ति होती है परन्तु एक ही व्यक्ति को एक ,दो या दो से अधिक राज्यों के राज्यपाल के रूप में भी नियुक्त किया जा सकता है।

राज्यपाल, केंद्र सरकार का एक प्रतिनिधि होता है, और केंद्र में राष्ट्रपति की तरह राज्यों में कार्यपालिका की शक्ति उसके अंदर निहित होती है। आगे की मंजूरी के राज्य के लिए बनाये गए नियम कानूनों को मंजूरी प्रदान करते हैं तथा उन्हें आगे की मंजूरी के लिए राष्ट्रपति को भेजते हैं।
राज्यपाल, राज्य का प्रथम नागरिक (व्यक्ति) होता है परन्तु उनके पास वास्तविक शक्तियां नहीं होती हैं। वास्तविक शक्तियां तो उस राज्य के मुख्यमंत्री के पास होती है। राज्य के लगभग सभी सरकारी कार्यों में राज्यपाल अपनी सहमती प्रदान करता है तथा जरुरत पड़ने पर सलाह भी देते हैं।
अनुच्छेद 153 के मुताबिक, देश में प्रत्येक राज्य का एक राज्यपाल होगा।
राज्यपाल की नियुक्ति कैसे होती है ?
किसी भी राज्य के राज्यपाल को सीधे जनताओं के द्वारा नहीं चुना जाता है और ना ही राज्यपाल का चुनाव राष्ट्रपति की तरह अप्रत्यक्ष रूप (Indirect Form) से किया जाता है बल्कि अनुच्छेद 155 के अनुसार, राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
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उच्चतम न्यायालय (High Court) ने वर्ष 1979 में एक नियम लागू कर दी थी, जिसके अंतर्गत राज्यपाल केंद्र सरकार के आधीन नहीं हो पाया था। इसके स्थान पर इसे एक स्वतंत्र संवैधानिक पद के रूप में मान्यता दे दी गई थी। राज्यपाल को हमेशा दूसरे राज्य के व्यक्ति को ही बनाया जाता है, जिससे कि वह स्थानीय राजनीति से दूर रह सके।
राज्यपाल बनने के लिए क्या योग्यताऐं होनी चाहिए ?
संविधान के अनुच्छेद 157 और अनुच्छेद 158 में राज्यपाल के पद हेतु निम्नलिखित आवश्यक योग्यतायें (पात्रता) निर्धारित की गईं है :-
- वह भारत का रहने वाला हो।
- उसकी उम्र 35 वर्ष से अधिक हो।
- वह न तो संसद के किसी सदन का सदस्य हो और न ही राज्य विधायिका का।
- वह किसी लाभ के पद पर न हो।
राज्यपाल के प्रमुख अधिकार क्या है ?
राज्यपाल के निम्नलिखित अधिकार हैं :-
- राज्यपाल को राज्य के मुख्यमंत्री की नियुक्ति करने का पूरा अधिकार होता है।
- राज्यपाल राज्य के अनेक महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति करा सकता है।
- राज्यपाल की सहमति प्राप्त होने के बाद ही राज्य का वार्षिक वित्तीय विवरण (राज्य बजट) विधानमंडल में पेश किया जाता है।
- राज्यपाल की सहमति होने पर ही किसी भी अनुदान की मांग की जा सकती है।
- राज्यपाल के द्वारा ही हर पांच साल में पंचायतों एवं नगरपालिकाओं की वित्तीय स्थिति की समीक्षा करने के लिए आयोग का गठन किया जाता है।
- राज्यपाल को किसी भी दोषी की सजा में परिवर्तन या पूर्ण रूप से रोक लगाने का पूर्ण अधिकार प्राप्त होता है।
- कुछ विशेष परिस्थितियों में राज्यपाल अपने मन मुताबिक़ कार्य भी कर सकता है।
- राज्यपाल को विधानसभा में वह सभी अधिकार दिए जाते है जो कि राष्ट्रपति को संसद मिलते हैं। जैसे :- संदेश भेजने, संबोधन देने आदि|
- विधानसभा में जब भी किसी प्रस्ताव को पास कर दिया जाता तो उसे बाद में राज्यपाल के हस्ताक्षर के लिए भेजा जाता है। राज्यपाल के हस्ताक्षर होने पर ही विधेयक राज्य का कानून बन सकता है।
- राज्यपाल को धन – विधेयक के साथ-साथ अन्य बिलों को पुनर्विचार के लिए वापस भेजने का भी अधिकार प्राप्त होता है।
- राज्य में किसी दल को बहुमत प्राप्त नहीं होने पर राज्यपाल विशेषाधिकार से राज्य के मुख्यमंत्री का चुनाव करा सकता है।
राज्यपाल का वेतन क्या होता है ?
राज्यपाल को प्रति माह ₹3.5 लाख रुपये वेतन के रूप में दिया जाता है। अगर कोई राज्यपाल एक से अधिक राज्य में पदस्थापित हो तो उनका वेतन के लिए राष्ट्रपति की सलाह के बाद ही निर्धारित होता है।
झारखंड राज्य के अभी तक के राज्यपालों के नाम :-
Sl No. | Name | From | Till |
---|---|---|---|
1 | Prabhat Kumar | 15-11-2000 | 03-02-2002 |
2 | V.C Pandey (Additional Charge) | 04-02-2002 | 14-07-2002 |
3 | M. Rama Jois | 15-07-2002 | 11-06-2003 |
4 | Ved Marwah | 12-06-2003 | 09-12-2004 |
5 | Syed Sibtey Razi | 10-12-2004 | 25-07-2009 |
6 | Kateekal Sankaranarayanan | 26-07-2009 | 21-01-2010 |
7 | M.O Hasan Farook Maricar | 22-01-2010 | 03-09-2011 |
8 | Syed Ahmed | 04-09-2011 | 17-05-2011 |
9 | Draupadi Murmu | 18-05-2011 | 12-07-2021 |
10 | Ramesh Bais | 14-07-2021 | Incumbent |
झारखंड राज्य के राज्यपालों के बारे में संक्षिप्त विवरण :-
1. Prabhat Kumar ( प्रभात कुमार) :-
प्रभात कुमार, एक Indian Politician And Retired Civil Servant थे। ये 1963 बैच के IAS Officer थे। ये 1998 से 2000 तक Cabinet Secretary भी रह चुके थे।
15 November 2000 को झारखण्ड बनने के बाद इन्हें झारखण्ड का पहला राज्यपाल नियुक्त किया गया। इनका कार्यकाल 15 November 2000 से 03 February 2002 तक रहा।
2. V.C Pandey (विनोद चंद्र पाण्डेय) :-
विनोद चंद्र पाण्डेय का जन्म 26 फरवरी 1932 को हुआ था। ये राजस्थान कैडर के Civil Servant थे और 1989 से 1990 बैच के Cabinet Secretary भी थे।
15 November 2000 को झारखण्ड बनने के बाद इन्हें झारखण्ड का दूसरा राज्यपाल नियुक्त किया गया। इनका कार्यकाल 12 June 2003 से 09 December 2004 तक रहा। इनका निधन 7 फरवरी 2005 को हुआ।
3. M. Rama Jois (मंडागड्डे राम जोइस) :-
न्यायमूर्ति मंडागड्डे राम जोइस का जन्म 27 जुलाई 1931 को हुआ था। ये भारतीय राजनीतिज्ञ, कार्यकर्ता और लेखक थे। जोइस जी, भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए राज्यसभा के सदस्य भी थे। वे 1992 में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय (Supreme Courb t) के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice) थे।
15 November 2000 को झारखण्ड बनने के बाद इन्हें झारखण्ड का तीसरा राज्यपाल नियुक्त किया गया। इनका कार्यकाल 15 July 2002 से 11 June 2003 तक रहा। जोइस का 89 वर्ष की आयु में 16 फरवरी 2021 को बैंगलोर , भारत में Heart Attack से निधन हो गया।
4. Ved Marwah (वेद मारवाह) :-
वेद प्रकाश मारवाह का जन्म 15 सितंबर 1934 को हुआ था। ये एक भारतीय पुलिस अधिकारी थे, जिन्होंने सेवानिवृत्ति के बाद मणिपुर , मिजोरम और झारखंड के राज्यपाल के रूप में कार्य किया।
15 November 2000 को झारखण्ड बनने के बाद इन्हें झारखण्ड का चौथा राज्यपाल नियुक्त किया गया। इनका कार्यकाल 12 June 2003 से 09 December 2004 तक रहा। इनका निधन 87 वर्ष की आयु में 5 जून 2020 को गोवा में हुआ।
5. Syed Sibtey Razi (सैयद सिब्ते रज़ी) :-
सैयद सिब्ते रज़ी का जन्म 7 मार्च 1939 को हुआ था। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़े एक भारतीय राजनेता थे, जिन्होंने भारत के उप गृह मंत्री के रूप में भी कार्य किए थे और साथ ही असम और झारखंड राज्यों के राज्यपाल के रूप में कार्य किए थे।
15 November 2000 को झारखण्ड बनने के बाद इन्हें झारखण्ड का पांचवां राज्यपाल नियुक्त किया गया। इनका कार्यकाल 10 December 2004 से 25 July 2009 तक रहा।
6. Kateekal Sankaranarayanan (कटेकल शंकरनारायणन) :-
कटेकल शंकरनारायणन का जन्म 15 अक्टूबर 1932 को हुआ था। ये महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल थे तथा नागालैंड और झारखंड के राज्यपाल के रूप में भी काम किया था ।
कटेकल शंकरनारायणन, राज्यपाल के रूप में अपनी नियुक्ति से पहले उन्होंने केरल की कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकारों में एक मंत्री के रूप में भी कार्य किया था।
15 November 2000 को झारखण्ड बनने के बाद इन्हें झारखण्ड का छठा राज्यपाल नियुक्त किया गया। इनका कार्यकाल 26 July 2009 से 21 January 2010 तक रहा।
7. M.O Hasan Farook Maricar (एम. ओ हसन फारूक मारीकार) :-
एम.ओ हसन फारूक मारीकार का जन्म 6 सितंबर 1937 को हुआ था। ये केंद्र शासित प्रदेश पांडिचेरी के तीन बार मुख्यमंत्री रहे। वह भारत के किसी भी केंद्र शासित प्रदेश के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री थे।
उन्हें सितंबर 2004 में सऊदी अरब (Saudi Arabia) में भारतीय राजदूत (Indian Ambassador) के रूप में नियुक्त किया गया था।
15 November 2000 को झारखण्ड बनने के बाद इन्हें झारखण्ड का सातवां राज्यपाल नियुक्त किया गया। इनका कार्यकाल 22 January 2010 से 03 September 2011 तक रहा। इनका निधन 26 जनवरी 2012 को हुआ था।
8. Ahmed (सैयद अहमद) :-
सैयद अहमद का जन्म 6 मार्च 1945 को हुआ था। ये एक भारतीय राजनीतिज्ञ , लेखक और कांग्रेस पार्टी के सदस्य भी थे। सैयद अहमद ने Hindi And English दोनों में दो Master Degree और Urdu में Doctrine की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने एक आत्मकथा, पगडंडी से शहर तक लिखी है। उनकी अन्य रचनाओं में मकतल से मंजिल , कफस से चमन और जांगे-आजादी में उर्दू शायरी भी शामिल हैं।
15 November 2000 को झारखण्ड बनने के बाद इन्हें झारखण्ड का आठवां राज्यपाल नियुक्त किया गया। इनका कार्यकाल 04 September 2011 से 17 मई 2015 तक रहा। इनका निधन 27 सितंबर 2015 को हुआ।
9. Draupadi Murmu (द्रौपदी मुर्मू):-
द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले के बैदापोसी गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम बिरंची नारायण टुडू है। वह संताल परिवार से ताल्लुक रखती हैं।
ये एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं जो झारखंड की नौवीं राज्यपाल थीं। वह 15 November 2000 में गठन के बाद से पांच साल का कार्यकाल (2015-2021) पूरा करने वाली झारखंड की पहली राज्यपाल हैं । इनका कार्यकाल 18 May 2015 से 12 July 2021 तक रहा।
10. Ramesh ( रमेश बैस )
श्री रमेश बैस ने झारखण्ड के 10वें राज्यपाल के रूप में 14 जुलाई 2021 को शपथ ग्रहण किया। उनका जन्म 02 अगस्त 1947 को रायपुर (छत्तीसगढ़) में हुआ। इनके पिता का नाम स्व. खौमलाल बैस और माता का नाम स्व. रामबाई बैस है। इससे पहले 29 जुलाई 2019 से 06 जुलाई 2021 तक ये त्रिपुरा के राज्यपाल के पद पर आसीन रहे।
15 November 2000 को झारखण्ड बनने के बाद इन्हें झारखण्ड का आठवां राज्यपाल नियुक्त किया गया। इनका कार्यकाल 14 July 2021 से अब तक।
Conclusion :-
आज इस के Article के माध्यम से हमने आपको बताया कि :- राज्यपाल क्या होता है ?, राज्यपाल की नियुक्ति कैसे होती है ?, राज्यपाल की क्या योग्यता होनी चाहिए ?, राज्यपाल के प्रमुख अधिकार क्या है ?, राज्यपाल का वेतन क्या होता है ?, झारखंड राज्य के अभी तक का राज्यपालों के नाम और भी बहुत सारी जानकारियाँ जो आपके लिए Helpful साबित होंगी।
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FAQs
राज्यपाल क्या होता है ?
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 153 (Article 153) के अनुसार प्रत्येक राज्य के लिए एक राज्यपाल (Governor) होना ज़रूरी है।
राज्यपाल की क्या योग्यता होनी चाहिए ?
1. वह भारत का रहने वाला हो।
2. उसकी उम्र 35 वर्ष से अधिक हो।
झारखण्ड में अब तक कितना राज्यपाल बनें हैं ?
झारखण्ड में अब तक 10 राज्यपाल बने।
राज्यपाल कहां रहते हैं ?
राज्यपाल , राजभवन में रहते हैं।
राज्यपाल का वेतन कितना होता है ?
राज्यपाल का वेतन ₹3500000 होता है।
संविधान के किस अनुच्छेद से राज्यपाल की नियुक्ति होती है ?
अनुच्छेद 153
क्या राज्यपाल मुख्यमंत्री की चुनाव कर सकते हैं ?
जी हां, राज्यपाल की विशेषाधिकार है कि वो मुख्यमंत्री की चुनाव कर सकते हैं।